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दिखी हर रोज़ वो सूरत परछाई बनकर आरज़ू बैठी थी रस्त

दिखी हर रोज़ वो सूरत परछाई बनकर
आरज़ू बैठी थी रस्तों पर ख़ुदाई बनकर

किए टुकड़े और महंगी वफ़ा में बांट दिए
मिली हर चीज़ मुझे अपनी पराई बनकर #परछाईं #वत्स #vatsa #dsvatsa #illiteratepoet #vatsapoet #hindishayari
दिखी हर रोज़ वो सूरत परछाई बनकर
आरज़ू बैठी थी रस्तों पर ख़ुदाई बनकर

किए टुकड़े और महंगी वफ़ा में बांट दिए
मिली हर चीज़ मुझे अपनी पराई बनकर #परछाईं #वत्स #vatsa #dsvatsa #illiteratepoet #vatsapoet #hindishayari
vatsa1506109692311

VATSA

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