आदमी का सफर... हर वक्त एक जैसा कहा होता है । रात है तो जी लेता है जरा जरा , दिन में तो वो जिंदा भी कहा होता है । हर दिन उतरना पड़ता है , ख्वाहिशों के समुन्दर में , ढूंढने को चाहतों के मायने, तैरकर नही पार कर पाता वो कभी , और उसे डूबना भी नहीं होता है..!! ©Anu...Writes #khoj #आदमी का #सफर... हर #वक्त एक जैसा कहा होता है । #रात है तो जी लेता है जरा जरा , #दिन में तो वो जिंदा भी कहा होता है । हर दिन उतरना पड़ता है , #ख्वाहिशों के #समुन्दर में ,