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आदमी का सफर... हर वक्त एक जैसा कहा होता है । रात ह

आदमी का सफर...
हर वक्त एक जैसा कहा होता है ।
रात है तो जी लेता है जरा जरा , 
दिन में तो वो जिंदा भी कहा होता है ।
हर दिन उतरना पड़ता है ,
ख्वाहिशों के समुन्दर में ,
ढूंढने को चाहतों के मायने,
तैरकर नही पार कर पाता वो कभी ,
और उसे डूबना भी नहीं होता है..!!

©Anu...Writes #khoj 

#आदमी का #सफर...
हर #वक्त एक जैसा कहा होता है ।
#रात है तो जी लेता है जरा जरा , 
#दिन में तो वो जिंदा भी कहा होता है ।
हर दिन उतरना पड़ता है ,
#ख्वाहिशों के #समुन्दर में ,
आदमी का सफर...
हर वक्त एक जैसा कहा होता है ।
रात है तो जी लेता है जरा जरा , 
दिन में तो वो जिंदा भी कहा होता है ।
हर दिन उतरना पड़ता है ,
ख्वाहिशों के समुन्दर में ,
ढूंढने को चाहतों के मायने,
तैरकर नही पार कर पाता वो कभी ,
और उसे डूबना भी नहीं होता है..!!

©Anu...Writes #khoj 

#आदमी का #सफर...
हर #वक्त एक जैसा कहा होता है ।
#रात है तो जी लेता है जरा जरा , 
#दिन में तो वो जिंदा भी कहा होता है ।
हर दिन उतरना पड़ता है ,
#ख्वाहिशों के #समुन्दर में ,