मेरी नजरों का ही कसूर है ये शहर मायूस जरुर है जहां कही उदासी नजर आती है दर्द में डूबी खामोशी नजर आती है रफ्तार में लगा ये पहरा क्यों है ये शहर ठहरा सा क्यों है ये शाम भी अनजानी लगती है कोई खामोश सी कहानी लगती है कहां है कारवां वो जिदंगी का क्यों हर राह विरानी लगती है ऐ शहर तुझे हुआ क्या है क्यों मायूस है क्यों उदास है क्यों खामोश है जिदंगी की तरह तू भी ठहर गया है गमों की बरसात में तू भी भीग गया है चल अब तू धूप की उम्मीद कर हौसला में रफ्तार भर जिदंगी की तरह जिद कर न रुक अब आगे बढ, #निशान_बाकी_है #sunrays #badlega #samhlega