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आस्था के नाम दिल को खूब बहला कर फुसला कर हर उस मौत

आस्था के नाम दिल को खूब बहला कर फुसला कर
हर उस मौत से आंख फेर हम भी मुर्दादिल होते रहें
लाश क्या चीथड़ों को भी मजहबी कफन में बांट कर
लोकतंत्र के जड़ के  लिए  हम भी हलाहिल होते रहें

✍️"प्रमद"        ©️ बन्धु उवाच #lynching
आस्था के नाम दिल को खूब बहला कर फुसला कर
हर उस मौत से आंख फेर हम भी मुर्दादिल होते रहें
लाश क्या चीथड़ों को भी मजहबी कफन में बांट कर
लोकतंत्र के जड़ के  लिए  हम भी हलाहिल होते रहें

✍️"प्रमद"        ©️ बन्धु उवाच #lynching