के यहाँ छलावे भी होते हैं, केह के अपना,लोग पराये भी होते हैं, देते हैं घाव कुछ ऐसे, जिनके ज़ख्म ता उम्र नहीं भरते हैं, दिल को कहाँ मालूम है, वो तो मासूम है.. दिल को नहीं मालूम, वो तो है मासूम... #नहींमालूम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi