ज़िन्दगी के शिखर की सीढ़ी होता है आत्मसंयम, थोड़ी उम्मीद, थोड़ा धैर्य, रख के चढ़ना पड़ता है।। ना भड़ककर, ना अकड़ कर, बनता है कोई काम, थोड़ी सादगी, थोड़ा प्यार, ले के चलना पड़ता है।। ज़िन्दगी के शिखर की सीढ़ी होता है आत्मसंयम, थोड़ी उम्मीद, थोड़ा धैर्य, रख के चढ़ना पड़ता है।। ना भड़ककर, ना अकड़ कर, बनता है कोई काम, थोड़ी सादगी, थोड़ा प्यार, ले के चलना पड़ता है।। आत्मसंयम means SELF CONTROL