कहने को तो, बहुत सी बाते, है मेरे अंदर। पर न जाने, क्यों मैं ही, चुप रहना चाहती हूं। क्योंकि सुकून, मिल जाता है। ऐसे चुप रहने से, और जो बोल गई तो, त्रासदियो का सैलाब सा आ जाता है। ©Annu Rawat Payal #विचार #मेरे_अल्फाज #मेरे #मेरे_एहसास #२०२२ #जीवन #जीवनअनुभव #जिंदगी