कहीं अदाओं में छलकती शर्मिंदगी, कहीं निगाहों में दहकती दरिंदगी, सभी दिशाओं में फैली गंदगी, ये कैसा नशा और काहे की बंदगी, महकती फिज़ाओं में बेहेकती ज़िन्दगी.... #बेहकती_ज़िन्दगी #दरिंदगी #शर्मिंदगी #गंदगी #नशा #बंदगी