मत देख कि ये कैसे क्यूं अवशेष हैं, सोच बचे कितने आदम ये शेष हैं। जल रहे जंगल और मिट रही दरिया, फिर भी खुद को समझता तू विशेष है। देखकर मंजर आखिर रो दीं आंखें, बिखरे पड़े हर तरफ ध्वंसावशेष है। करतूतें किसी की भोग रहा और है, वो भी था जिंदा जो भस्मावशेष है। कितने निरीह जो जल मरे आग में, उदण्डता फिर भी है कि अपरिशेष है। चलता रहा जो इसी तरह खिलबाड़ तो, सोच दिन इंसानी कितने अधिशेष है। ख़ौफनाक है ख़्याल भी बिना शजर के, 'बादल' बचना यहां केवल निश्शेष है। ( 14/01/2020) #austrelianfire #forest_fire #darkhat #khouf #pollution #nojoto #all