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आँखों से ओझल हो गया टूटा हुआ कोई तारा था, सपने म

आँखों से ओझल हो गया  टूटा हुआ कोई तारा था,  सपने में वो बहुत आया था,,
पर अब वो लाचार अंगारा हो गया
शिवासाहेब शिवा
आँखों से ओझल हो गया  टूटा हुआ कोई तारा था,  सपने में वो बहुत आया था,,
पर अब वो लाचार अंगारा हो गया
शिवासाहेब शिवा