।।।।। मंजिल ।।।।। सामने है मंज़िल तेरी, दूर कितना जा रहा.. देखते ही देखते अंधेरे में तू डूब रहा.. है कहा मंज़िल तेरी इस बात पे चिंतन तू कर... ख़ुद को ढूँढ आगे तू बड़... इस बात पे तू गौर कर.. रुक नहीं सिमट नहीं, दूर तक है जागना... रोज एक बूंद सा है, वो तुझे अब चाहना... गौर फरमा बात पे... क्यों उसे है ढूंढता... तू ही है, वो तुझ में है... क्या तुझे अब जानना... क़दम बड़ा शौक से ... राह का तू इल्म कर... थाम लेगा वो तुझे, आशियाने की चाह कर, हो आम ही चर्चा तेरी , एक ऐसी शाम कर.... #तेरा_इश्क़ #poetpahadi #pahadisoul #manjil #dreams #success