हर रोज सोचता हूँ कि उसे देखना छोड़ दूंगा मगर रस्ते में पड़ जाये तो नजर घुमानी जरूर पड़ती है शायर शास्वत सिंह पवार (अमन) सोचता हूं कि देखना छोड़ दूंगा