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बेशक कुछ तज़ुर्बों की ही मोहताज है ये ग़ज़ल, नज़रे

बेशक कुछ तज़ुर्बों की ही मोहताज है ये ग़ज़ल,
नज़रें उठा कर भी तुमने देखा तो ये लिख जाया करेंगी।

ख़्वाबों की तश्तरी में कलम और तुम्हें रखूॅंगी,
तुम्हारे नाम के गुलाबों से,  तश्तरी  सज  जाया  करेंगी।

बनाते  होंगे  शायर  इश्क में अश्कों  के  समंदर,
जज़्बाती बूॅंदों से,  मेरी चश्म-ए-झील भर जाया करेंगी।

इश्क में लैला-मजनू एक शायर की करामात है,
कहो तो ग़ज़ल भी आसमां हरा,ज़मीं नीली कह जाया करेंगी।


तुम गुनगुना दो जो मिसरा  मेरी  ग़ज़ल  का,
कमबख्त़ सबके होंठों पर सदियों तक बैठ जाया करेंगी।

ख़ुदा की इनायतों से अब किस्मतवार कहलाते हैं,
ये ग़ज़ल मुझ बैरागी का 'भाग्य' भी  रच  जाया  करेंगी। #भाग्य_ग़ज़ल 
#एक_और_ग़ज़ल 
#भाग्य_की_कलम_से 
#yqdidi 
#yqhindi 
#मेरी_बै_रा_गी_कलम
बेशक कुछ तज़ुर्बों की ही मोहताज है ये ग़ज़ल,
नज़रें उठा कर भी तुमने देखा तो ये लिख जाया करेंगी।

ख़्वाबों की तश्तरी में कलम और तुम्हें रखूॅंगी,
तुम्हारे नाम के गुलाबों से,  तश्तरी  सज  जाया  करेंगी।

बनाते  होंगे  शायर  इश्क में अश्कों  के  समंदर,
जज़्बाती बूॅंदों से,  मेरी चश्म-ए-झील भर जाया करेंगी।

इश्क में लैला-मजनू एक शायर की करामात है,
कहो तो ग़ज़ल भी आसमां हरा,ज़मीं नीली कह जाया करेंगी।


तुम गुनगुना दो जो मिसरा  मेरी  ग़ज़ल  का,
कमबख्त़ सबके होंठों पर सदियों तक बैठ जाया करेंगी।

ख़ुदा की इनायतों से अब किस्मतवार कहलाते हैं,
ये ग़ज़ल मुझ बैरागी का 'भाग्य' भी  रच  जाया  करेंगी। #भाग्य_ग़ज़ल 
#एक_और_ग़ज़ल 
#भाग्य_की_कलम_से 
#yqdidi 
#yqhindi 
#मेरी_बै_रा_गी_कलम