कुछ लोग अपनी प्रशंसा स्वयं करने पे मजबूर हो जाते हैं अपने मुख से बोलते हैं इशारे करते हैं , कुछ लोग अपनी प्रशंसा स्वयं न करने पे आतुर रहते हैं न इशारों न मुख से कुछ भी बोलते हैं , गूँज स्वरों की हर जगह सुनाई देती है जो स्वयं न बोलें , अक्सर ज्यादा गूंजती है …… Viju...... #प्रशंसा...!