आज इन पन्नों पर बर्बरता के किस्से नहीं शौर्य गाथा की कहानी आयी है बदल डाली है पहचान अपनी स्त्री ने उसे रक्षा की जरूरत नहीं वो खुद रक्षक बन आयी है देखो जरा आंखों में ज्वाला उसके कोमल-सी कली कितने कांटे चुभा कर आयी है कोई अबला कोई कमजोर नहीं वो तो यमराज से भी लड़ आयी है तुम क्या खाक उसे अपने वस में रख सकोगे हजारों बेड़ियाँ पिघलाकर जंजीरें तोड़ आयी है न समझो उसको तुम कमजोर वो तुमसे भी शक्तिशाली है तभी तो सिर्फ तुम्हारे लिए वो सब कुछ छोड़ आयी है न अबला है न कोमल है न नाजुक-सी कली है वो तभी तो दब कुचल कर भी वो तारे तोड़ लायी है घुटती-सिसकियों को छोड़ अब वो शोर लायी है आज अखबारों में चीख नहीं उनके नाम की गूंज आयी है बर्बरता के किस्से नहीं शौर्य गाथा आयी है... ©पारूल #nojoto#orinigal_nojoto_#hindi#nojoto#international_women's_Day