असर है नही कोई नर्म की बात का, डर के सम्मान करे गर्म की बात का। अक्सर हिन्दू ही काटने लगते है कन्नी, जब कहीं जिक्र हो धर्म की बात का। हम नही मानते तो ये मसला अलग है, लेकिन गीता में जिक्र कर्म की बात का। बेशक उसे मिले इज्जत धार्मिक है जो, कोई न करे यकीन अधर्म की बात का। बदले इस दौर का रैना दोष तो है यही, समाज पे है असर बेशर्म की बात का। .. ..... ......रैना ©Rajinder Raina समाज