जुठ पर खडी की गयी इमारत की बुनीयाद दो पल की है दोसतो पर जब भी मौका मीले सच का साथ निभाने का और सच की इमारत को चाहे भुकंप के कितने भी जतके लगे उसे कोइ हिला नही शकता सच का साथ मेरे साथ ...........रोकी #सचकासाथ#मेरे#साथ