निगाहों से जब निगाहें टकरायी, दिल बेसुध हुआ , खता निगाहों ने की, तड़पना दिल को पड़ा। तीर सी चुभी उनकी निगाहें, घायल हो गया तन - मन अब किसको दोष दे , किसको दे सज़ा , मरहम भी बन गई वही प्यार भरी निगाहें। जब भी किसी से निगाहें मिलाओ, जरा बचकर निकल जाना , सारी उम्र का रोग मत लगा लेना, बेमौत मर जाओगे, फ़िर ना कहना चेतावनी नहीं दी । निगाहें कातिल होती हैं, कतल करना खुब जानती हैं , किसी के दर्द की उसे क्या परवाह, वह तो बस घायल करना जानती हैं। निगाहों में बसता है प्यार, वो जिसे चाहे उसे हसीन बना देती हैं, यह मजनू की ही आंखें थी, जिनमें लैला बसती थी, मजनू की निगाहों में लैला दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला थी। ©Manju Lodha निगाहों से जब निगाहें टकराई... . . #FridayReads #poem #poems #kavita #nigaahein #friday #lovepoem #manjulodha #poetess