बचपन से माँ के दुआओं की बारिश में भीग रहा हूँ मैं तभी इस बेजान से संसार में आज तलक सकुशल ज़िंदा हूँ मैं सुप्रभात। जैसे इस धरती को आकाश का जल चाहिए वैसे ही हमारे हृदय को करुणा और संवेदना का जल चाहिए। दुआ वो स्रोत है जिससे हृदय में प्रेम का समुद्र लहराने लगता है। #दुआओंकीबारिश #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine #bestyqhindiquotes #yqbesthindiquotes #yqhindi #aprichit Collaborating with YourQuote Didi