ऊंगली पकड़कर जिसे चलना सिखाया आज हाथ वो छोड़ चली उड़ गई पापा की परी लगाकर पंख अपने सपनो को यू खड़ा देख रहा मैं खुशियों के आंसू पीये जीवन चक्र का सत्य है ये एक दिन तो ये होना है प्यार की सीमा नहीं कोई बस बंधन में मत बांधो तुम जी ले बेटी जिंदगी अपनी है सबका आशीष तुझे हो सब सपने पूरे तेरे यही सबकी ख्वाइश है ©Pankaj Khandelwal #Daughters