हक़ीक़त में हम वो न थे... जिसने अपनी इज़्ज़त-ए-नफ्स को फ़ना किया था, हक़ीक़त में हम वो न थे... जिसने अपनी क़लाम-ए-लफ़्ज को खरा किया था, हक़ीक़त में हम वो भी न थे... जिसने अपनी नसिब-ए-अक्स को वजह बनाया था, हाँ वह हम जरुर थे... जिसने कुछ पल के लिए खुदको ख्वाहिशों का ग़ुलाम बनाया था। अक्स: Reverse/ opposite About self revelation and confession