तुम्हारे ख़तों से ही तो शुरू हुई हमारे प्यार की कहानी थी, तुम्हारे खत ही तो मेरे लिए मेरे पहले प्यार की निशानी थे। तुम्हारे खत का हर लफ्ज़ जज्बात की स्याही से लिपटा था, तुम्हारा हर एक जज्बात तुम्हारे प्यार की चाशनी में डूबा था। तोड़कर दिल हमारा भरी महफिल में हमको रुसवा कर दिया, दिखाते रहे तुम्हारे ख़त तुमको तुमने उनको भी झुठला दिया। इन ख़तों को संभालें या हवा में उड़ा दे कश्मकश में है दिल, इनमें तुम्हारे प्यार की महक आज भी महसूस करता है दिल। तुम ना मिल सके जिंदगी में, गम नहीं तुम्हारी यादें तो हमारी हैं, तुम ना सही तुम्हारे प्यार की निशानी, तुम्हारे खत तो हमारे हैं। -"Ek Soch" 🎀 Challenge-457 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 🎀 रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 🎀 अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।