टूटते तारों से मन्नत मागूँ, बिखरे गुलाबों से सुगन्ध लेलूँ, रिश्ता टूटे या टूटे ख्वाब, निर्मोही मन क्या बिछोह जानूँ। ©priyram #निर्मोही #Nojoto