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# औरत को संकोची आश्रित डरपोक मन स | English Shayar

औरत को संकोची आश्रित डरपोक मन से दिमाग से कमजोर बनानें के लिए धर्म संस्कृति संस्कार इज्ज़त की आड़ लेते है बाकी कहीं इनकी ये चीजे काम नहीं आती।

Note: बेटियां इन बातों में ना आएं और अपना अच्छा बुरा ख़ुद जानें समझे और खुलकर जीवन जिए।❤️👑💫

युवा अपनी बुद्धि लगाकर बताएं क्या आदमी को सम्मान समानता स्वतंत्रता नहीं चाहिए? यहीं बात बहने कहती है तो तुम्हारी समझ में क्यों नहीं आता?
इतनी सी बात आज के मॉडर्न युवा को भी समझ नही आती तो लानत हैं तुम्हारी अक्ल पर।😡

आज जो बेटियां कमाने से या अपनी बुद्धि से फैसला लेने के काबिल होगी उन्हीं माता पिता को माता पिता कहा जायेगा और जो भाई और इस मॉडर्न जमाने का युवा ये समझेगा कि जितना आजाद घूमना पढ़ना बोलना कमाना उसके लिए जरूरी है बहन के लिए भी जरूरी है,
manyaparmar8573

Manya Parmar

Silver Star
New Creator

औरत को संकोची आश्रित डरपोक मन से दिमाग से कमजोर बनानें के लिए धर्म संस्कृति संस्कार इज्ज़त की आड़ लेते है बाकी कहीं इनकी ये चीजे काम नहीं आती। Note: बेटियां इन बातों में ना आएं और अपना अच्छा बुरा ख़ुद जानें समझे और खुलकर जीवन जिए।❤️👑💫 युवा अपनी बुद्धि लगाकर बताएं क्या आदमी को सम्मान समानता स्वतंत्रता नहीं चाहिए? यहीं बात बहने कहती है तो तुम्हारी समझ में क्यों नहीं आता? इतनी सी बात आज के मॉडर्न युवा को भी समझ नही आती तो लानत हैं तुम्हारी अक्ल पर।😡 आज जो बेटियां कमाने से या अपनी बुद्धि से फैसला लेने के काबिल होगी उन्हीं माता पिता को माता पिता कहा जायेगा और जो भाई और इस मॉडर्न जमाने का युवा ये समझेगा कि जितना आजाद घूमना पढ़ना बोलना कमाना उसके लिए जरूरी है बहन के लिए भी जरूरी है, #Shayari

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