#dikh gya# आज तो चांद ने नखरे ना दिखाए,, शायद आज चांद भी पत्नियों का नूर देखना चाहे,, चांद भी पत्नियों को ज्यादा देर भूखा ना देख पाए,, इसलिए शायद आज वो इतनी जल्दी मिलने आए|