बरसों की बात होठो पे आके रुकी हो जेसे कहते कहते सांसो की हर डोर टूटी हो जेसे छोडकर साथ भिगो चले ये दामन मेरा दर्द मे तो मेरे आँसू भी मुजसे रूठे हो जेसे