*तमाम खुशियां भले ही मेरी ना काम हो जाए* *मेरी झोपड़ी में उम्मीदों की शाम हो जाए* *उम्मीदों की शमा जल जाए तेरे आशियाने में* *भले ही मेरी उम्मीद गुमनाम हो जाए* ©Aurangzeb Khan Ap ab to man jao