कब मुझसे मिल , मुझमे ही मिल गयी , रोम-रोम में स्वास , तुम्हारी घुल गयी । तुम में खोकर , खुद को पाता हूँ , रफ्ता-रफ्ता मैं , तुम होता जाता हूँ । #कौनहोतुम