जब जब बिखरता हूँ इस कलम के सहारे खुद को समेटता हूँ शब्दों मे लिख के दर्द फिर से चमकता हूँ इस कलम के सहारे मैं फ़िर से जुड़ता हूँ फिर ना जाने क्यों भूल जाता हूँ इसे कहीं कोने मे एक ढेर मे और फिर जब टूट जाता हूँ इसे य़ाद करता हूँ ढूँढता हूँ लिखता हूँ मैं फिरसे जुड़ता हूँ इस कलम के सहारे -kaushi #meri_klam ♥෴꧁๒_๒_ฬгเtєร꧂෴♥ शायर'''''ए'''''मुसाफिर