न सोने का डर हो न जागने की उम्मीद एक अशियाना जंमी पर बनाउगी मैं भादो की अंधेरी रात में उस पागली गली मैं दोड़ लगाउगी इक पृथ्वी इक अम्बर दोनो के बीच बसते है मेरे ध्रुव दादा मैं तो आज उनको ही तिलक लगाऊगी #NojotoQuote bhai anokha