जब कोई नाता नहीं... तुमसे जुडे कोई किस्से - कहानी मेरे नहीं बड़ी हसरत हो तुम फिर भी कुछ मेरा नहीं नज़ारे तो बहुत है दिलकश आँखों में मगर तुम्हारे सिवाय अब कुछ अच्छा लगता नहीं, ख्वाबों के सिलसिले भी तुमसे शुरू होते हैं मगर क्या ग़जब हुआ की तुम हि मेरे नहीं कितनी गर्दिश हुई यहाँ बस तुम्हारे नाम पर हाँ मगर कोई सिलसिला भी तो हमारा नहीं क्यूँ इतनी बार पलट कर देखा तुम्हारी राह जब तुम्हारे गुलशन से मेरा कोई नाता नहीं ©Kavitri mantasha sultanpuri #जब_कोई_नाता_नहीं #KavitriMantashaSultanpuri Mantasha