वीर धुरंधर हुआ जगत में भगतसिंह मतवाला एक । त्याग दिया धरती के खातिर प्राणों को दीवाना एक।। आन का रक्षक हुआ वह प्राणों का बलिदानीएक । देशहित को जो करे समर्पण वही तत्त्वतः ज्ञानी एक।। वीरों की वसुधा में जन्मा नवयुवक पंजाबी एक। रात दिन वह यत्न ये करता किसविध मिले आजादी एक ।। न केवल वीर था वह महत्तम कर्मयोगी एक था वह। रंगा स्वतंत्रता के रंग में ऐसा जोगी एक था वह।। बड़ा निर्भीक था वह वीर वीरों के समूहों में। किया विस्फोट था उसने गोरों के समूहों में।। फांसी समय वह आत्महित एक हफ़ ना बोला। हिला दे अंग्रेजी सरकार ऐसा इंकलाब का नारा बोला।। इनके बलिदान का प्रोत्साहन यहां कुछ हो न सकता । "अमित"कुसुमांजलि अर्पित युगलचरणों में करता।। विद्यार्थी अमितोपाध्यायः भगतसिंह जयंती के उपलक्ष्य पर वाक्पुष्पाञ्जलि