Nojoto: Largest Storytelling Platform

मुद्दतों बाद आज उसने, इक धुआं उठा रखा है चुल्हा ज

मुद्दतों बाद आज उसने, इक धुआं उठा रखा है 
चुल्हा जला है शायद या कोई ख्वाब जला रखा है। 

बहुत सी आँधीयां आयीं, बहुत तुफान देखे उसने 
बेशक ये हौसला ए नुह है जिसने उसका घर बचा रखा है। 

खुद मोहताज है लेकिन अपनी बेटियों की खातिर 
उसने टाट के घर में भी रेशम का पर्दा लगा रखा है। 

मैंने देखा है उस घर के बुजुर्गों को भी तरसते हुए "पागल" 
खिदमत ए खल्क का जिस पर बोर्ड लगा रखा है। 

ईजाज़ अहमद "पागल"  #ejaz #pagal #YQbaba #YQdidi #shayari #YQghalib #hindi #dreams
मुद्दतों बाद आज उसने, इक धुआं उठा रखा है 
चुल्हा जला है शायद या कोई ख्वाब जला रखा है। 

बहुत सी आँधीयां आयीं, बहुत तुफान देखे उसने 
बेशक ये हौसला ए नुह है जिसने उसका घर बचा रखा है। 

खुद मोहताज है लेकिन अपनी बेटियों की खातिर 
उसने टाट के घर में भी रेशम का पर्दा लगा रखा है। 

मैंने देखा है उस घर के बुजुर्गों को भी तरसते हुए "पागल" 
खिदमत ए खल्क का जिस पर बोर्ड लगा रखा है। 

ईजाज़ अहमद "पागल"  #ejaz #pagal #YQbaba #YQdidi #shayari #YQghalib #hindi #dreams
ejazahmad6569

Ejaz Ahmad

New Creator