दीवार वो ढहा दी गई, चलो अच्छा है , मेरे इरादों से फिर वहां, एक इमारत होगी, तेरी नफरतों के नाग , फन लाख फैलाएं , मेरे दिल में इस ज़मीं के लिए मोहब्बत होगी, सच के लिए नुकसान उठाने को हूं तैयार , भगवान ने चाहा तो फिर शहर में बरकत होगी, हिसाब हम दोनों को चुकाना है एक दिन , अब देखते हैं कि किसे कितनी, मोहलत होगी "... #kanganaranaut #DeathOfDemocracy - Author Vivek Sharma #kanganaranaut #deathofdemocracy #inspirational #womenpower #satyamevajayate #truth #yqbaba #yqtales