पत्थर आसमान में फेका मैंने. एक छेद हुआ उसमें, देखा मैंने. सुबह सुबह अखबारों में आ गया. जाने किस रात इमान बेचा मैंने. किवाड़ में छेद कर दिया सूरज ने. उसके लौ में खुद को सेका मैंने. उसकी दैनिकी को पढ़ कर लगा. खुद को ही आईने में देखा मैंने. #NojotoQuote एक मतला तीन शेर.