एक सफर का वादा कर के आये हमी थे। कुछ कर गुजर जाने का इरादा कर के आये हमी थे। समझाते रहे सभी, इश्क़ से दूरी ही अच्छी है। मुहब्बत हद से ज्यादा कर के आये हमी थे। ये खूबसूरती वफादार नहीं होती कान्हा, दिल की सादगी पर मिट कर के आये हमी थे। लोग डराते रहे दरिया के सैलाब से, कतरे कतरे से मिल कर के आये हमी थे। ©Krishna Awasthi ❣️ . . #Kavita #myoriginal #original #krishnaawasthi #shayri #hindi #maa #vacation