मेरे तसव्वुर में जो तेरी तस्वीर छाई रहती है बेशक़ तू दूर हो मुझसे पर दिल के पास रहती है। बे-इरादतन कुछ गुस्ताखियाँ कर गए हम देखकर गैर का साथ शायद ज़ह्मत में पड़ा गए हम। ज़ह्मत...! मेरे #तसव्वुर में जो तेरी #तस्वीर छाई रहती है #बेशक़ तू दूर हो मुझसे पर #दिल के पास रहती है। #बे-इरादतन कुछ #गुस्ताखियाँ कर गए हम देखकर गैर का साथ शायद #ज़ह्मत में पड़ा गए हम (ज़ह्मत--मन की उलझन)