सुबह कि तलाश में, रात कि गहराई में जा रहा हूँ ।। मंजिल की तलाश में , अनजानी राहों पर भटकता जा रहा हूँ ।। एक उम्मीद दिल में है बस, कि हर रोज़ जिये जा रहा हूँ ।। ©₹0Hiत #सुबह कि #तलाश में, #रात कि #गहराई में जा रहा हूँ ।। #मंजिल की #तलाश में , #अनजानी राहों पर #भटकता जा रहा हूँ ।। एक #उम्मीद दिल में है बस, कि हर #रोज़ जिये जा रहा हूँ ।।