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मकसद जब पुरी न हो कोशिश तड़प में बदल जाती हैं। ज

मकसद जब पुरी न हो 
कोशिश तड़प में बदल जाती हैं।

जिस्म मर जाती हैं 
रूह प्यासी भटकती हैं।

©Prerna Singh
  #Yaari