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बात सुनते नहीं कभी सच्ची ख़ाक समझोगे ख़ामुशी सच्ची

बात सुनते नहीं कभी सच्ची
ख़ाक समझोगे ख़ामुशी सच्ची
  
दश्त में खाक छान कर देखो  
आँख में होती है नमी सच्ची 

रौशनी बस ज़रा सी डाली थी 
एक तस्वीर हो गयी सच्ची 

और तुझको भी ले उडी दुनिया 
तू फ़क़त एक ही तो थी सच्ची 

सारी खुशियों से ग़म मिला मुझको
एक ग़म में मिली ख़ुशी सच्ची 

तेरी तस्वीर से निकलती है 
मेरे कमरे में रौशनी सच्ची 

मेरी हर बात झूठ है लेकिन 
तेरी आँखों की ख़ामुशी सच्ची 

पहले तो सिर्फ इश्क़ सच्चा था  
अब वो लड़की भी हो चुकी सच्ची 

बाद मुद्दत के मैंने समझा है 
कितनी मुश्किल है शायरी सच्ची 

मौत से  दुश्मनी के बाद हुई 
ज़िन्दगी  तुझसे दोस्ती सच्ची 

आज मुझको ख़ुशी हुई साहब 
आपने बात तो  कही सच्ची 

इस लिए भी मैं झूठ कहता हूँ 
दोस्त कहते हैं वाकई सच्ची?

खैर तेरा भी इश्क़  झूठा है 
और कहाँ मेरी आशिक़ी सच्ची 

सर झुकाते ही दिल का झुक जाना 
इसको कहते  हैं बंदगी सच्ची

©Aadarsh Dubey बात सुनते नहीं कभी सच्ची
ख़ाक समझोगे ख़ामुशी सच्ची
  
दश्त में खाक छान कर देखो  
आँख में होती है नमी सच्ची 

रौशनी बस ज़रा सी डाली थी 
एक तस्वीर हो गयी सच्ची
बात सुनते नहीं कभी सच्ची
ख़ाक समझोगे ख़ामुशी सच्ची
  
दश्त में खाक छान कर देखो  
आँख में होती है नमी सच्ची 

रौशनी बस ज़रा सी डाली थी 
एक तस्वीर हो गयी सच्ची 

और तुझको भी ले उडी दुनिया 
तू फ़क़त एक ही तो थी सच्ची 

सारी खुशियों से ग़म मिला मुझको
एक ग़म में मिली ख़ुशी सच्ची 

तेरी तस्वीर से निकलती है 
मेरे कमरे में रौशनी सच्ची 

मेरी हर बात झूठ है लेकिन 
तेरी आँखों की ख़ामुशी सच्ची 

पहले तो सिर्फ इश्क़ सच्चा था  
अब वो लड़की भी हो चुकी सच्ची 

बाद मुद्दत के मैंने समझा है 
कितनी मुश्किल है शायरी सच्ची 

मौत से  दुश्मनी के बाद हुई 
ज़िन्दगी  तुझसे दोस्ती सच्ची 

आज मुझको ख़ुशी हुई साहब 
आपने बात तो  कही सच्ची 

इस लिए भी मैं झूठ कहता हूँ 
दोस्त कहते हैं वाकई सच्ची?

खैर तेरा भी इश्क़  झूठा है 
और कहाँ मेरी आशिक़ी सच्ची 

सर झुकाते ही दिल का झुक जाना 
इसको कहते  हैं बंदगी सच्ची

©Aadarsh Dubey बात सुनते नहीं कभी सच्ची
ख़ाक समझोगे ख़ामुशी सच्ची
  
दश्त में खाक छान कर देखो  
आँख में होती है नमी सच्ची 

रौशनी बस ज़रा सी डाली थी 
एक तस्वीर हो गयी सच्ची