जनम से मिलल प्यार, जब धीमा परेला। जिनगी के कड़वा जहर, तब पिये के परेला।। इहां होला कुछ अऊर, लऊकेला कुछ अऊर । जिनगी में सबके इहवां दोहरा चरित्र बा।। ना चाहत होखे जिये के तबो जिये के परेला।। #चमन_देहाती✍ ©Puranjay Kumar Gupta