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बरस बीते मिले तुमको पर आँखों मे एक नूर है| मै भी अ

बरस बीते मिले तुमको
पर आँखों मे एक नूर है|
मै भी अब तक याद हूँ 
या ये मेरा ही फितूर है?

वास्ता इतना ही रख लो,
झूठी कसमे ही खाया करो,
दिल-ए-मोहब्बत न सही तो 
मेरी हिचकियों मे आया करो| 

(पूर्ण कविता कैप्शन में पढ़े...!) बरस बीते मिले तुमको
पर आँखों मे एक नूर है|
मै भी अब तक याद हूँ 
या ये मेरा ही फितूर है?

वास्ता इतना ही रख लो,
झूठी कसमे ही खाया करो,
दिल-ए-मोहब्बत न सही तो
बरस बीते मिले तुमको
पर आँखों मे एक नूर है|
मै भी अब तक याद हूँ 
या ये मेरा ही फितूर है?

वास्ता इतना ही रख लो,
झूठी कसमे ही खाया करो,
दिल-ए-मोहब्बत न सही तो 
मेरी हिचकियों मे आया करो| 

(पूर्ण कविता कैप्शन में पढ़े...!) बरस बीते मिले तुमको
पर आँखों मे एक नूर है|
मै भी अब तक याद हूँ 
या ये मेरा ही फितूर है?

वास्ता इतना ही रख लो,
झूठी कसमे ही खाया करो,
दिल-ए-मोहब्बत न सही तो
shrutigupta6452

Shruti Gupta

New Creator