मुझे आसमा भी छूना है क़ैद पिंजरे में भी रहना है नींद मे नया ख्वाब बुनना हैं उसी नींद से ख़ुद को जगाना है ज़माने को थोड़े बहुत में खुश रहना है मुझे बेजार रहकर सब कुछ के लिए लड़ना है महफिलो को मेरा इस्तकबाल करना हैं मुझे तन्हाई में अपना मुकद्दर बदलना है उम्मीद ने छोड़ दिया जहाँ उम्मीद का दामन उस जगह से मुझे सफ़र ए ज़िन्दगी शुरू करना है मुझे फिर से जीना शुरू करना है ❣️ #nojoto_poetry #hindi_poetry #khayalat #nojoto #ek_najm #kuch_bhi #pure_work_of_fiction