अनुभव है नहीं यूं दुनिया को समझने का पर फिर भी चल पडी हूं , ए-किताब तेरे सहारे सुना है कई काफिरों को रास्ता दिखाया है मंजिल तक जाने का तभी तो ए-किताब अा गई हूं ,तेरे किनारे ✍️✍️ bharti shah #world book day