कब कहाँ और ये सब हुआ कैसे अभी भी ये लगे एक तसव्वुर के जैसे कभी वफ़ा तो कभी धोखे... ऐसे नखरे तेरे ग़र पता होता तो जरुर रहते इससे परे पर आख़िर अब इसमें हैं इतने खोए कि नफ़ा से ज्यादा नुकसान है ढ़ोये। Feelings for love