हज़ारों ख्वाइशे दिल कि, दफ्न इस दिल मे कर बैठा, सुकूँ से जी रहा था मे, मगर फिर इश्क़ कर बैठा, सजा ये है कि आंसू अब मेरे रोके नहीं रुकते.. खता ये थी कि मेरा सर तेरे कांधे पे धर बैठा...!! ©Abhishek #Apni_Kalam_se ❤️