तुम प्रकृति का मोह बंधन हो... प्रकृति की दुलारी तुम, तितली सी प्यारी तुम, प्राकृतिक सौंदर्य का मधुर मोह बंधन हो, गीत तुम..संगीत तुम प्रेम की अद्भुत प्रीत तुम स्नेह की निराली रीत तुम खुशी का उल्लासित गीत तुम।।