आवश्यक नहीं जो , अकेला दिखता है वह सचमुच अकेला हो, उसकी ख्वाहिशें, उसके सपने हरदम उसके साथ होते हैं! अकेला होना अहसास मात्र है! भीड़ में भी अकेले हो सकते हैं और अकेले होकर भी आप बहुत प्रसन्न हो सकते हैं! अकेले होना, कई बार एकांत होता है स्वयं के साथ भरपूर संवाद होता है! भीड़ में होना, अपने आप को बिखेर देना है अकेले होना, अपने आप को समेट देना है! आदमी स्वयं को समेट कर ही' कुछ' हो सकता है, बिखर कर तो वह' स्वयं' का भी नहीं होता!! ©अंजलि जैन #alonesoul#२१.११.२०