हमारी आंखों को मुनव्वर करने वाले लोग नहीं रहे। सहराओं में सनोबर होने वाले लोग नहीं रहे। बरहना-पा तय कर रहे हैं मुश्किल सफर "हिलाल साथ आसाँ-सफर करने वाले लोग नहीं रहे। अब झूठ की कमाई में मलाई मिलती है हलाल रिज़्क़ पे गुज़र करने वाले लोग नहीं रहे। ~Hilal . ©~Hilal. Follow Me for best shayri of your life #Lights #nazar #safar #Munavvar