कोरे कागज़ पे कुछ जज़्बात लिखे थे कुछ उनके कुछ अपने हालात लिखे थे किताबों पे मैंने अपने, उनके नाम लिखे थे अपने नाम के जगह मैंने उनके ही इश्तेहार लिखे थे बारिश की बूंदों के थामे मैन हर बात लिखे थे बातों में मैंने उनके हर अल्फ़ाज़ लिखे थे कभी मुस्कुराते हुए, कभी सिसकते हुए सारे हिसाब लिखे थे उन हिसाबों में उनके उम्मीदों को हर बार लिखे थे उनके सासों को खुशबू हर बार लिखे थे उनके इर्द-गिर्द नही उन्हें ही पूरा संसार लिखे थे मैंने कितने ही पन्ने बेहिसाब लिखे थे दर्द हुआ जब उन्होंने कहा ये सब बेबुनियाद लिखे थे मेरी किताब भी उस बरसात में रोई शायद बस उसे ही पता था मैंने कितने शिद्दत से हर एक अल्फ़ाज़ लिखे थे कोरे कागज़ पे कुछ जज़्बात लिखे थे कुछ उनके कुछ अपने हालात लिखे थे कुछ उनके कुछ अपने हालात लिखे थे #yqbaba #yqdidi #aestheticthoughts #democratsndissenters #restzone #quotestitchers #korekagaz #voiceofsilence